हर बेटी-बहन स्वाबलंबी बनें ताकि देश को अलग पहचान मिल सकें। आज भारत में बेटियां लगभग हर क्षेत्र में आगे हैं। सुधा को मैंने नौकरी देकर एक बेटी और बहन को आत्मनिर्भर बनने की राह दिखाई है। बेटियों में संभावनाएं तो बहुत हैं बस जरूरत है उसे पहचानने की। सुधा अच्छा काम करें तरक्की करें ये मेरी कामना है। और शिक्षालय वाकई जो काम कर रहा है वो सहरानीय है।
– आशीष गुप्ता (एमडी, बेस्ट रोडवेज)