एक बेटी अगर सबल बनती है तो पूरा समाज और देश उस पर गर्व करता है। हमने संजना को नौकरी देकर कोई ऐहसान नहीं किया है, बल्कि एक बेटी को स्वाबलंबी बनाने में कदम रखा है। ऐसी सोच अब हर किसी को रखनी पड़ेगी। क्योंकि बेटियां सिर्फ घर ही नहीं बल्कि, कंपनी भी चला सकती हैं। मेरा मानना है कि हुनर के आगे सब बेकार है। दरअसल, मुझे ये प्रेरणा सीजे डार्सल के जेएमडी रोशनलाल जी से मिली।
– सुभाष अग्रवाल (एमडी, एसएमसी)